भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने चार आईसीसी टूर्नामेंट में भारतीय टीम की कप्तानी की। चैंपियंस ट्रॉफी 2017, वर्ल्ड कप 2019, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021 और टी20 वर्ल्ड कप 2021 में उन्होंने टीम की कमान संभाली। चारों मौकों पर वह भारत को चैंपियन बनाने में नाकाम रहे। इस वजह से लोग उन्हें नाकामयाब कप्तान मानते हैं। इस बात को लेकर विराट का दर्द अब बाहर आया है।
उनकी कप्तानी में भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में पाकिस्तान से हारी। उसके बाद 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। फिर आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप 2021 के फाइनल में न्यूजीलैंड के हर मिली और टीम इंडिया उसी साल टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में नहीं पहुंच सकी।
कोहली ने क्या कहा?
विराट ने शनिवार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के पॉडकास्ट में कहा कि आईसीसी टूर्नमेंट के सेमीफाइनल और फाइनल में पहुंचने के बाद भी उन्हें ‘नाकामयाब कप्तान’ बताया गया। भारतीय रन मशीन कोहली ने पिछले साल सभी format से कप्तानी छोड़ दी थी। उन्होंने कहा, ”आप टूर्नामेंट जीतने के लिए खेलते हो। मैंने 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तानी की फाइनल में पहुंचा, 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचा, मैंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में कप्तानी की फाइनल में पहुंचा और 2021 में टी20 वर्ल्ड कप में नॉकआउट के लिए क्वालीफाई करने में फेल रहा । चार आईसीसी टूर्नामेंट के बाद मुझे एक नाकामयाब कप्तान माना गया।”
टीम के रवैये में changes लाना मेरी सफलता: विराट
कोहली की कप्तानी में भारतीय अंडर-19 टीम 2008 में विश्व कप जीती थी। विराट ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम के रवैये में बदलाव लाना हमेशा उनके लिए गर्व की बात होगी। उन्होंने कहा, ”मैंने खुद को उस नजरिए से कभी नहीं नापा। हमने एक टीम के रूप में और अपने रवैये में परिवर्तन के रूप में क्या हासिल किया, यह हमेशा मेरे लिए गर्व की बात होगी। एक टूर्नामेंट एक निश्चित समय के लिए होता है, लेकिन आपका रवैया लंबे समय तक साथ रहता है और इसके लिए आपको अनुक्रमता की जरूरत होती है।
मैंने एक प्लेयर के रूप में वर्ल्ड कप जीता’
विराट ने कहा, ”मैंने एक प्लेयर के रूप में विश्व कप जीता है। मैंने एक खिलाड़ी के रूप में चैंपियंस ट्रॉफी जीती। मैं उस टीम का भाग रहा हूं जिसने पांच टेस्ट गदा जीते हैं। अगर आप उस नजरिए से देखें तो ऐसे लोग रहे हैं, जिन्होंने कभी वर्ल्ड कप नहीं जीता।” विराट ने 2011 के वनडे वर्ल्ड कप को भी याद किया जब महेंद्र सिंह धोनी ने वानखेड़े की खचाखच भरी भीड़ के सामने भारत को खिताबी जीत दिलाई थी।
ट्रॉफी कैबिनेट को भरने के लिए पागल नहीं हूं
कोहली ने कहा, ”ईमानदारी से कहूं तो मैं 2011 की उस टीम का भाग बनने के लिए काफी भाग्यशाली था। सचिन तेंदुलकर अपना छठा विश्व कप खेल रहे थे और वही उन्होंने जीता था। मैं पहली बार टीम का हिस्सा बनने में सक्षम था और मैं जीतने वाली टीम का भाग बन गया। मैं उन चीजों को देख रहा हूं जिनके लिए मैं आभारी हूं, न कि इसके लिए कि मेरे करियर में क्या गलत हुआ है। मैं अपनी ट्रॉफी कैबिनेट को भरने के लिए पागल नहीं हूं।” विराट ने 15 साल के करियर में भारत के लिए 106 टेस्ट, 271 वनडे और 115 टी20 खेले हैं, जिसमें 25000 से ज्यादा इंटरनेशनल रन बनाए हैं।”