Maharashtra vs saurashtra final: विजय हजारे ट्रॉफी 2022 में सौराष्ट्र टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया जिसकी वजह से इस बार फिर से उन्होंने दूसरी बार विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीता । सौराष्ट्र टीम ने फाइनल मैच में महाराष्ट्र टीम को 5 विकेट से हराया। इस हार के बाद महाराष्ट्र टीम का ट्रॉफी जीतने का सपना सपना ही रह गया।
इस मैच में दोनों टीमों के द्वारा एक एक सतक आए . जिनमें से सबसे पहले महाराष्ट्र की टीम की तरफ से कप्तानी की जिम्मेदारी निभाते हुए ऋतुराज गायकवाड ने 131 गेंदों पर 108 रन की बड़ी पारी खेली। इस सतक से ऐसा लग रहा था कि अब महाराष्ट्र जीत जाएगी। लेकिन इनके शतक पर सौराष्ट्र के ओपनर शेल्डन जैकसन ने खतरनाक बल्लेबाजी करते हुए 136 गेंदों पर नाबाद 133 रन बनाया और अपनी टीम को विजय हजारे ट्रॉफी का दूसरी बार चैंपियन बनाया।
ऋतुराज गायकवाड के अलावा किसी भी बल्लेबाज का बल्ला नहीं चला
इस टूर्नामेंट के आखिरी मैच में महाराष्ट्र की टीम ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने आए. जिनमें से महाराष्ट्र की टीम ने 9 विकेट खोकर केवल 248 रन बना पाए थे।
टीम के लिए ऋतुराज गायकवाड ने अपनी बल्लेबाजी से खूब रन बनाए। इनके अलावा आज़ीम काजी ने 37 रन की पारी खेली . वहीं दूसरी ओर नौशाद सेख ने 31 रन बनाया। सौराष्ट्र के गेंदबाज चिराग जानी ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए केवल 43 रन देकर 3 विकेट चटकाए ।
बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी रहा फ्लॉप
महाराष्ट्र ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सौराष्ट्र को 249 रनों का लक्ष्य दिया था। जवाब में सौराष्ट्र में बल्लेबाजी करते हुए केवल 46.3 के ओवर में 5 विकेट गंवाकर इस मैच को जीतकर विजय हजारे ट्रॉफी का दूसरी बार चैंपियन बना दिया। सौराष्ट्र की टीम के लिए शेल्डन जंक्शन ने 133 रनों की नाबाद पारी खेला, वहीं दूसरी छोर हार्विक देसाई ने 67 गेंदों में 50 रन बना दिया। अंत में बल्लेबाजी करते हुए ऑलराउंडर चिराग जानी ने नाबाद 30 रन की पारी खेली और शेल्डन जैकसन के साथ इस मैच को जीत लिया।
महाराष्ट्र में किसी भी बल्लेबाज ने इस मैच में रन नहीं बनाया केवल अकेले कप्तान ऋतुराज गायकवाड ने शतक लगाकर टीम के स्कोर को आगे लेकर गए। इसके बाद गेंदबाजी में भी महाराष्ट्र खिलाड़ियों ने सभी को नाराज किया। महाराष्ट्र के गेंदबाजी में केवल मुकेश चौधरी और विक्की ओस्तवाल ने दो-दो विकेट चटकाए।
14 साल बाद सौराष्ट्र ने विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब जीता
सौराष्ट्र ने पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब 2007 में जीता था । वहीं दूसरी बार खिताब जीतने में इनको 14 साल लग गए। विजय हजारे ट्रॉफी का किताब सबसे अधिक बार चैंपियन बनने का रिकॉर्ड तमिलनाडु के पास है। तमिलनाडु नहीं विजय हजारे ट्रॉफी का खिताब 5 बार अपने नाम किया है ।