परिवार ने छोड़ा साथ कोच ने पकड़ा हाथ, 7 मैचों में 6 शतक जड़ मचाया कोहराम

IND VS ZIM

जिम्बाब्वे के खिलाफ सीरीज होने से पहले टीम इंडिया को एक बड़ा झटका लगता है। वाशिंगटन सुंदर जो टीम के ऑफ स्पिनर है। वर्तमान समय में वाशिंगटन सुंदर चोट के कारण टीम से बाहर हो चुके हैं। टीम इंडिया के सेलेक्टर ने इनके जगह पर शाहबाज अहमद का रिप्लेसमेंट किया है। इनको अपनी काबिलियत निखारने का सर्वश्रेष्ठ मौका मिला है। भारत और जिंबाब्वे के बीच कुल 3 वनडे सीरीज खेले जाएंगे। इन दोनों के बीच पहला मुकाबला 18 अगस्त को खेला जाएगा। वहीं दूसरा मुकाबला 20 अगस्त तथा तीसरा मुकाबला 22 अगस्त को हरारे में खेला जाएगा।

शाहबाज अहमद की टी-20 और वनडे सीरीज काफी बेहतर साबित हूई। यह टी-20 के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। और यह खिलाड़ी वनडे फॉर्मेट हमें भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देगा। इनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी कमाल की साबित होती है।

बंगाल गए थे शाहबाज

आइए जानते हैं किस तरह शाहबाज हरियाणा के मेवात से पश्चिम बंगाल पहुंचे। यह कहानी लोगों द्वारा बहुत रोमांचक है। शाहबाज के पिता का यह सपना था कि शाहबाज एक सिविल इंजीनियर बने। इनके पिता इनसे कहते थे कि ,’अगर पढ़ाई करनी है तो मन से करो नहीं तो पूरा ध्यान क्रिकेट में लगाओ। अगर तुम अपने जीवन में दोनों तरफ ध्यान दोगे तो शायद तुम कुछ नहीं कर पाओगे। इसलिए अपना पूरा फोकस एक चीज पर करो। इस तथ्य को कहने के बाद शाहबाज ने पूरा ध्यान क्रिकेट पर देने लगे। उसके बाद शाहबाज गुडगांव में एक क्रिकेट एकेडमी में जाने लगे। जहां पर उनके ट्रेनर का नाम मंसूर अली थे।

शाहबाज तपन मेमोरियल एकेडमी से जुड़े थे। जहां पर इन्होंने 7 मैचों में 6 शतक जड़ देते हैं। और गेंदबाजी के मामले में इन्होंने कई विकेट भी चटकाए थे। उस समय इनका नाम पूरे बंगाल में छा गया था। और इन्हें फर्स्ट डेब्यू करने का मौका भी मिला था।

इनको इस मुकाम तक पहुंचाने में इनके कोच काफी मदद करते हैं। उस समय यह अपने कोच के घर पर ही रहते थे। 2020 के आईपीएल में इनको 20 लाख में खरीदा गया। इन्होंने फर्स्ट क्लास मैचों में 1041 रन बनाए थे। तथा गेंदबाजी के मामले में इन्होंने 57 विकेट चटकाए थे।

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