पूरी जिंदगी याद आएगा बाबर आजम को यह छक्का – देखें वीडियो

बाबर आजम

एशिया कप 2022 का फाइनल मुकाबला पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच खेला गया। यह मुकाबला काफी रोमांचक साबित हुआ। अंत में श्री लंका टीम ने पाकिस्तान को 23 रन से हराकर 2022 एशिया कप ट्रॉफी को अपने नाम कर लेता है। श्रीलंका ने आखिरी बार साल 2014 में पाकिस्तान को ही हराकर एशिया कप ट्रॉफी जीता था।

इस मैच के दौरान टाॅस के सिलसिला टुटी

हालांकि सभी मैचों में देखा जाता था कि जो टीम पहले टॉस जीतती थी। वही टीम मुकाबले को अपने नाम करती थी। लेकिन इस सिलसिले को श्रीलंका ने तोड़ दिया। इस मुकाबले में श्रीलंका टीम ने कमाल का प्रदर्शन दिखाते हैं। टॉस पाकिस्तान के पक्ष में गिरता है। पाकिस्तान के कप्तान पहले गेंदबाजी करने का फैसला करते हैं। हालांकि इनका निर्णय इस बार गलत साबित होता है। श्रीलंका की टीम इस निर्णय को तोड़ दी है। और इसी के साथ एशिया कप पर अपना कब्जा जमा लेती हैं।

पाकिस्तान को 23 रन से धूल चटाया।

पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका टीम ने 170 रनों के लक्ष्य को पाकिस्तान के सामने रखते हैं। श्रीलंका टीम के बल्लेबाज भानुका राजपक्षे के 71 की आतिशबाजी पारी खेलते हैं। वानिंदु हसरंगा के 36 रनों का अहम योगदान देते हैं। जिसके बदौलत श्रीलंका 170 रनों के लक्ष्य को पाकिस्तान के सामने रखते हैं।

इसके बाद इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान के खिलाड़ी मैदान पर उतरते हैं। पाक की शुरुआत उतना अच्छा नहीं रहा। इनके टीम पावर प्ले में ही 2 विकेट गंवा चुकी थी। कप्तान बाबर आज़म 6 गेंद में 5 रन और फखर जमान पहली ही गेंद पर जीरो पर आउट हो गए। जिसके बाद इफ्तिखार अहमद ने 32 रन की पारी खेली और मोहम्मद नवाज 6 रन पर आउट हो गए। लेकिन मोहम्मद रिजवान ने लक्ष्य को आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं। इन्होंने ने 49 गेंद में 55 रन की पारी खेली। लेकिन इनके टीम श्रीलंका द्वारा बनाए गए लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। 20 ओवर्स में सभी विकेट गंवाकर 147 रन ही बना सकी और 23 रनों से मैच और ट्रॉफी दोनों हार गई।

शनाका के द्वारा किस छक्के ने मैच को पलटा

ड्रेसिंग रूप में शनाका ने कहते हैं कि, 20वें ओवर की आखिरी गेंद पर लगा छक्का मैच को बदलने वाला प्वाइंट था। 170 रन के लक्ष्य का हासिल करना हमेशा मुश्किल होता है। वहीं 160 के आसपास के स्कोर को हासिल करना मानसिक तौर पर सा आसान लगता है। उस छक्के ने हमें ये मनोवैज्ञानिक बढ़त दिला दी थी।

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