शिखर धवन का छलका दर्द, बोले मैं टीम के ऊपर बोझ नहीं बनना चाहता, अब मै अपने

shikhar dhawan

शिखर धवन महान खिलाड़ियों में से एक है इन्होंने अपने 37वें जन्मदिन के अवसर पर यह शपथ लिया था। कि जब तक मैं क्रिकेट खेलने लायक रहूंगा। तब तक में टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेलूंगा। वेस्टइंडीज दौरे पर कप्तानी को शिखर धवन के हाथों में सौंपी गई थी। और इन्होंने वनडे सीरीज वेस्टइंडीज से जीत भी दिलाई थी। साथ ही इन्होंने इस पारी में कई अर्धशतक भी जोड़े।

37 साल के गब्बर जब तक इंटरनेशनल क्रिकेट में भाग लेते रहेंगे। तब तक टीम इंडिया के बोक्ष को उठाएंगे। उन्होंने वादा किया है कि जब तक टीम इंडिया के लिए उपयोगी रहेंगे तब तक टीम इंडिया के बोझ को उठाएंगे।

शिखर धवन का यह बयान दिल छू सकता है

पीटीआई से बातचीत के दौरान गब्बर कहते हैं कि मैंने अपने करियर में कभी इस बात को नहीं आने दिया है ‘ मैं केवल एक प्रारूप खेल रहा हूं या मैं लंबे समय के बाद एकदिवसीय श्रृंखला खेल रहा हूं। क्या मेरा शरीर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कठोरता का अच्छा जवाब देगा या नहीं? सच कहूं तो मेरे पास इन विचारों के बारे में सोचने का समय नहीं है।”

अपने इसी बातों के साथ गब्बर आगे कहते हैं कि,“अगर मैं भारत के लिए एक प्रारूप खेल रहा हूं, तो मुझे इसका अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश करनी चाहिए और अपना सब कुछ देना चाहिए। मैं टीम के लिए एसेट (खास) बन के खेलना चाहता हूं लायबिलिटी (बोझ) बन के नही। मैं बहुत सकारात्मक व्यक्ति हूं। आपको मेरे शरीर में कोई नकारात्मक चीज नहीं मिलेगी।”

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