“बहुत आराम कर लिया भैया, हमारे टाइम पर तो ऐसा कुछ नहीं होता था” इस बात पर सातवें आसमान तक पहुंचा इशांत शर्मा का गुस्सा

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वर्तमान समय में भारतीय टीम बांग्लादेश दौरे पर है जहां वनडे सीरीज समाप्त कर, इन दिनो टेस्ट सीरीज खेल रही है। वही आपको बता दें कि टीम इंडिया की टेस्ट सीरीज में 1-0 से आगे है। लेकिन इस वर्ष भारतीय टीम में खिलाड़ियों का चोटिल होने का सिलसिला जारी रहा। जैसा कि हाल में रोहित शर्मा इंजर्ड होकर टीम से बाहर है।

ऐसे में कई खिलाड़ी अपने वर्क लोड को लेकर आए दिन रेस्ट लेते हो नजर आ रहे हैं। और वह बीसीसीआई खुद भी सीनियर खिलाड़ियों को आराम दे रहे हैं। भारतीय टीम के अनुभवी गेंदबाज इशांत शर्मा का कहना है। कि तेज गेंदबाज ने मुकाबले खेलेंगे उतना ही कम चोटिल होंगे।

वर्कलोड पर इशांत शर्मा का बड़ा बयान

भारतीय टीम का पूर्व गेंदबाज इशांत शर्मा अपने समय की घातक गेंदबाजों में से एक थे। इशांत शर्मा भारतीय टीम के लिए अब तक सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके हैं। लेकिन पिछले वर्ष इनको ब्लॉक कर दिया गया है। लेकिन हाल ही में उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है आइए जानें इशांत शर्मा ने क्या कहा,

“अभी मैं केवल यही कहूंगा कि ‘वर्कलोड के बारे में ज्यादा मत सोचो। ये एक नया शब्द है जो हाल के दिनों में आया है, खासकर तेज गेंदबाजों के लिए। मैंने अपने अंतरराष्ट्रीय कार्यकाल के दौरान ऐसा कुछ नहीं देखा। जब मैंने खेलना शुरू किया, मेरे कोच एक पुराने जमाने के कोच थे।

इन्हीं बातों के साथ आगे कहते हैं कि,

जो दोपहर के 1 बजे मुझे हाथ में गेंद देते थे और हम सूर्यास्त तक गेंदबाज़ी करते रहते थे। रणजी ट्रॉफी और बाद में भारत के लिए, इस तरह मैं लंबे स्पैल फेंक सकता था। यदि आप सुधार करना चाहते हैं, तो केवल एक चीज जो आप कर सकते हैं वो है ज्यादा से ज्यादा गेंदबाजी करना।”

इशांत शर्मा ने दिया करारा उदाहरण

“मुझे लगता है कि यदि आपने घरेलू क्रिकेट के माध्यम से अपना नाम बनाया है, तो आपको उसके बाद खेल खेलने के बारे में चयनात्मक नहीं होना चाहिए। यदि आप घरेलू क्रिकेट खेलना चाहते हैं, तो कोई भी आपको रोक नहीं सकता है। जब आप देश के लिए बड़ी मात्रा में क्रिकेट खेल चुके हों, तब ही आप खेल सकते हैं। आपको समय-समय पर ब्रेक दिया जाता है।

“ज्यादातर तेज गेंदबाज रणजी ट्रॉफी मैचों के दौरान टूट जाते हैं क्योंकि वो आदर्श तैयारी से नहीं गुजरते हैं। रणजी ट्रॉफी में गेंदबाजी पूरी तरह से एक अलग बॉल-गेम है। यदि आप आईएएस परीक्षा के लिए अध्ययन कर रहे हैं, तो आपको दिन में 16 घंटे अध्ययन करना होगा। इसी तरह, यदि आप रणजी ट्रॉफी के पूरे सीजन को खत्म करने की तैयारी करना चाहते हैं तो किसी दिन, आप ब्रेक लेकर इसके लिए तैयारी नहीं कर सकते। आपको उसी के अनुसार तैयारी करनी होगी।

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